सोमवार, 17 दिसंबर 2012
इंसानी शक्ल, दिमाग में '' शैतान ''
अगर आपके घर में मां,बहन, बेटी या फिर बहू हैं तो आप आज की दुनिया के मुताबिक बहुत ही लाचार, बेबस और बदकिस्मत इंसान हैं...जी हां क्योंकी शायद इनमें से किसी भी रिश्ते की वजह से या तो आपकी घर की इज्जत नीलाम हो सकती है या फिर आप को अपनी जान से हाथ धो सकते हैं... क्योंकी हमारे समाज में आजकल दरिंदों की तादाद कुछ ज्यादा ही बढ़ गई है और ईमान, इज्जत और शराफत एक विलुप्त होती प्रजाति हो चुकी हैं...किसी मरे हुए मुर्दे की तरह हो चुकी है इज्जत और शराफत...और मुर्दे के उपर मड़राते गिद्द और कौवों की तरह हैं समाज में बढ़ते दरिदों की तादाद...
आज के समाज में इंसान के रुप में ज्यादातर हैवान देखे जा रहे हैं...तभी तो कभी 6 साल की बच्ची के साथ बलात्कार , कभी चलती बस में युवती के साथ गैंग रेप तो कभी पिता या फिर भाई के साथ जाने वाली लड़की के साथ बदतमिज़ी होती है और अगर इसका विरोध किया जाएगा तो आपको भी इसकी सज़ा मिलेगी...और ज़रुर मिलेगी...शायद आपकी जान ले लि जाए...शायद आपको चलती बस से धकेल दिया जाए...या फिर आपको ही परेशान किया जाए...तरीके कुछ भी हो सकते हैं लेकिन हां ये तो तय है की आपको सजा मिलकर रहेगी ...दरिदों से भरे इस समाज में सजा से बच पाना नामुमकिन होगा हर शरीफ इंसान के लिए... खामखाही सरकार save the girl की मुहिम पर करोड़ रुपए खर्च कर रही है...भला girl को save करना ही क्यों है ???... उसे वेहशी और दरिदों का शिकार बनाने के लिए??? या फिर संसार चलाने के लिए ???... सरकार और कानून लाचार है सब कुछ देकर कुछ कर नहीं सकता... और नैतिकता तो मैं आपको पहले ही बता चुकी हूं विलुप्त प्रजातियां हैं...
फिल्में समाज का आईना होती हैं, इसी तरह की एक फिल्म मैने देखी थी जिसका नाम था A Nation Without Women ...उस वक्त देखकर लगा मानों ऐसा कैसे हो सकता है...लेकिन यकीन मानिए आज की समाज की दशा देकर लगता है की फिल्म का एक एक सीन सच हो रहा हो...खैर... मैं तो सरकार और लोगों से यही कहूंगी की आप लोग प्लीज़ लड़के और लड़कियों को बराबर मत समझिए...क्योंकी आज की कन्डिश्न में आपकी लड़की बेशक लड़कों से ज्यादा होशियार , काबिल क्यों ना हो जाए, उसे शाम 7 बजे के बाद बाहर जाने की मनाही होने वाली है...क्योंकी सुनने में आया है की उसके बाद सड़को पर दरिदें खुलेआम घुमने वाले हैं...सरकार कुछ करने में नाकामियाब है क्योंकी वास्तविक तौर पर हर कहीं सुरक्षा के इंतज़ाम करना नामुमकिन है और सज़ा के नाम दरिदों का कुछ होगा नहीं...इसलिए आप दुआ किजीए की अब दिन पर दिन समाज से लड़कियों की तादाद कम होती जाए...लड़कों के आकड़े बढ़ते जाएं...और जो हैं उन औरतों पर किसी गिद्ध की नज़र ना पड़े...
अगर आपको मेरे इस पोस्ट से कोई तकलीफ हुई हो तो मैं आपसे माफी मांगती हूं...लेकिन ये ही आज के समाज की हकीकत है...
रुचि राय
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ruchi ji....apne toh apne shabdo ke zaria ladkiyo ki sacchi tasveer samaj k samne aaine ki tarah rakh di..yeh blog toh sach mai ladkiyo ka aaina hai...
जवाब देंहटाएंAapka ye blog padh kar wakai bahut dukh hua ki aaj bhi hamare samaaj me ladkiyon ki itni kharab haalat hai. hum kehte hain ki humne tarakki karli hai kya yahi tarakki ki hai humne ki aaj bhi ladkiyan road par itni sehmi hui nikalti hain ki maano wo ghar se nikal kar koi gunah kar rahi hain or logon ka kya kehna wo tau aise dekhte hain jaise ki bhukha bhediya apne shikar ko dekhta hai kher mann me tau bahut kuchh hai lekin me apni baat ko yahi khatm karta hu or es ummid ke sath khatm karta hu ki hamara aane wala kal aaj se behtar hoga hamare samaj me ladkiyon ko bhi wahi darja diya jayege jo ladko ko virasat me mila hai... ruchi aapne samaj ke es kamzor pehlu par roshni dali iske liye aapka tahe dil se shukriya.
जवाब देंहटाएंagree with you or ruchi jee takleef un logo ko hogi ye blog pad kr jo galat hai or bahar dusri ladkiyo ko preshaan krte hai so dnt be sorry...bilkul sahi kaha apne blog mai...keep it up
जवाब देंहटाएंaapko maafi mangne ki jrurat nhi h... aapne to aaj ki duniya ka sacha chehra sanme rakha h...
जवाब देंहटाएंjo har din har jagah ho rha h whi likha h, sach ko kisi ki chhama-yachna ki jarurat nhi hoti... aapke paas un vehshi darindo ke liye or bhi kathor lafz ho to unhe bhi daliye sirf blog pe nhi is duniya ke samne jaha har insan use pade or samjhe ki wo kis duniya me jee rha hai....
thanks ruchi,,
ruchi ji mai jab bhi aapka blog padta hun mujhe har baar hi kuch naya shikhne ko milta hai. very true and very touching....
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