बुधवार, 7 मार्च 2012

खत्म हुआ यू.पी का महाभारत


उत्तर प्रदेश विधान सभा में ना तो शाही सवारी हाथी तेज़ चल पाई और ना ही
अमूल बेबी कहे जाने वाले राहुल गांधी का जादू...तरक्की हुई तो पर्यावरण
को प्रदूषण से बचाने वाले चुनाव चिन्ह साइकिल की... गांव की पतली और धूलभरी सड़को से लेकर शहरों की चोड़ी सड़को पर चलने वाली साइकिल ने पूरे बहुमत में आकर सभी राजनैतिक दल की नींदें उड़ा दी...साथ ही ये भी बता दिया की अगर जनता अपने पर आए तो किसी को भी सत्ता में लाकर उसके सिर जीत का ताज पहना सकती है , उसकी मर्जी में किसी और की सहायता लेने की ज़रुरत नहीं और ये भी बता दिया की लोगों के झूठे भ्रम और प्रदेश को अपने बाप की बपोती समझने का अधिकार किसी भी सरकार को नहीं है । जनता के समीकरण के आगे सभी दलों के समीकरण फेल हो जाते हैं ।

वैसे देखा जाए तो इस चुनावों के नतीज़ों ने कई लोगों को आश्चर्यचकित कर दिया है....जीतने वाली पार्टी को भी और हार ने वाली पार्टी को भी...ना तो आज जीत का ताज पहनने वाले अखिलेश यादव को और ना ही रायबरेली और अमेठी जैसे काग्रेंस का गढ़ मानी जाने वाली जगहों पर खड़े हुए प्रतियाशियों को....वैसे इन नतीज़ों से जहां कांग्रेस और बीजेपी को एक बड़ा झटका लगा है तो वहीं एक और इंसान भी है जिसके लिए ये नतीजे किसी लाइफ लाइन के खत्म होने जैसा लगा होगा.....और वो हैं..अमर सिंह...जी हां शायद अमर सिंह को भी इन नतीज़ों की उम्मीद नहीं होगी...जनता ने ये साफ कर दिया की ...अब वो दिन लद गए जब लोग हिरो और हिरोईनों को रैली में देखने जाते थे और उसी के मद्दे नज़र वोट भी डाले जाते थे । जब से अमर सिंह की समाजवादी पार्टी से विदाई होई तब से ना तो किसी फिल्मी सितारे ने पार्टी में अपनी मौजूदगी दर्ज करवाई है और ना ही किसी बड़े उद्योगपत्ति ने, चला तो सिर्फ राज्य के विकास और विद्यार्थियों पर लैपटॉप और टेब्लेट्स का जादू और उसी जादू की बदौलत रातों रात जीत का सेहरा बंध गया अखिलेश यादव के सिर और बन बैठे वे हिरो ।हालांकी अखिलेश के सिर जीत के सेहरे के साथ साथ राज्य की जनता की अब सभी उम्मीदें भी बढ़ गई हैं । ये जीत खुशी के साथ साथ उनके लिए किसी रिएलिटी शो में दिए गए टास्क से कम नहीं होगा...क्योंकी पद जीतने से ज्यादा ज़रुरी होता है उस पद की गरीमा को बनाए रखना ।

देखते हैं मायावती की मूर्तीयों को ना हटाने के फैसले के बाद वाहवाही लूटने वाले अखिलेश क्या आगे भी इसी तरह राज्य के विकास के लिए सही निर्णय लेने में कामियाब होते हैं....क्योंकी अभी सिर्फ जीत हासिल हुई है लोगों का विश्वास जीतना अभी बाकी है ।

4 टिप्‍पणियां:

  1. Kya Baat Hai Ruchi Rai tum to bahut sahi likhti ho..... dil garden garden hua

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  2. सही कहा आपने रुचि जी...उत्तर प्रदेश में बेशक महाभारत खत्म हो चुका है लेकिन असल मायनों में नई सरकार और खासकर अखिलेश यादव की ये अग्निपरीक्षा होगी की वो राज्य का विकास करने में कितने खरे उतरते हैं...आप यूं ही लिखती रहिए...आपका लेख पढ़कर बहुत अच्छा लगा ।

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  3. ये लेख पढ़कर अच्छा लगा रुचि मुझे इसमें ये लाइन सबसे अच्छी लगी जो अमर सिंह के लेकर लिखी गई है और लास्ट में जो आपने लिखा कि जीत तो हासिल कर ली असल जीत तो वो होगी जब लोगों का विश्वास भी कर ले बिलकुल सही कहा है

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