एक दिन दर्द ने दौलत से कहा :- तुम कितनी खुशनसीब हो, की हर कोई तुम्हारे पास आने को कोशिश करता है और मैं कितना बदनसीब की हर कोई मुझसे दूर होना चाहता है...
ये सुनकर दौलत ने दर्द से कहा :- नहीं...खुशनसीब तो तुम हो जिसके पास होने लोग अक्सर अपनों को याद करते हैं, बदनसीब तो मैं हूं जिसके पास होने से लोग अक्सर अपनों को भूल जाते हैं ।
ये मेरी नहीं, किसी और की शायरी की कुछ पंक्तियां हैं, मुझे पसंद आईं तो मैने इसे अपने ब्लॉग पर प्रकाशित कर ली...
शुक्रिया
bilkul sahi baat hai....
जवाब देंहटाएंसच्चाई तो यही है दोस्त.... कि दौलत ने अपनों को अपनों से दूर कर दिया है
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