बुधवार, 8 जुलाई 2009

गम का सहारा है आंसू

आँखों में आँसू की नदी का बहाव है
मुस्कुराहट उस नदी की एक छोटी सी नाव है
साथ साथ दोनों को ऐसे ही रहने दे
इसको भी बहने दे
उसको भी बहने दे

7 टिप्‍पणियां:

  1. वाह क्या बात है! बेहतरीन रचना.
    चित्र लाजवाब

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  2. डुबते चले गये रात के आगोश मे .........धारा प्रवाह.........सौन्दर्य से परीपुर्ण अतिसुन्दर

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  3. बहुत खूबसूरत रचना है आपकी, हमारी सोच को शब्दों में बखूबी पिरोया है आपने...बहतरीन

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  4. ये रचना आपकी की तरह सुंदर और सुशील है.... जैसा आपका नाम है वैसे ही ये रचना भी है....मतलब रूची ... जी हां आपकी ये रचना भी रूचीपूर्ण है

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