मंगलवार, 15 जून 2010

क्या मिल गया न्याय...?

लो मिल गया न्याय ! भोपाल गैस कांड मामले में आखिरकार देर-सवेर न्याय मिल ही गया, भई तो क्या हुआ बेशक आरोपियों को 2 साल की सज़ा और जुरमाने के तौर पर 1000 हज़ार रुपये देने का फरमान सुनाया गया है, अब भला 20,000 से लेकर 22000 हज़ार जानों की कीमत इससे ज़्यादा थोड़े ही है, चौक रहें हैं, पर क्यों... क्या आप ये नही जानते की एक गरीब की कीमत बस और बस हमारे नेता जी के भाषणों और उनके वोट बैंकों तक ही होती है । और उसके बाद सरकार का बयान आता है की भोपाल पीड़ितों के साथ पूरा न्याय किया गया है । और दिखावे के इस न्याय के पीछे छुप जाते हैं वो हज़ारों चेहरे जिन्होनें अपनी आखों से इस ख़ौफनाक मंज़र को आजसे 25 साल पहले देखा था, छुप जाती हैं वो आखें जो एक टक लगाए अपनों की तस्वीरें निहारती रहती हैं, और अब तो उन्होनें बहना भी छोड़ दिया है , आसूं जो सूख गए हैं भई... अनदेखे कर दिए गए हैं वो हाथ जो एक साथ जोड़े कोर्ट परिसर में न्याय की भीख मांगने में लगे रहते हैं..उस पर से हमारी सरकार और न्याय पालिका की दरियादिली तो देखिए वो कहते हैं...की ये जुड़े हुए हाथ याचना के लिए नहीं बल्कि उनके धन्यवाद के लिए उठे हैं । भई कुछ भी कह लिजिए सरकार आपकी,आदेश आपका, और आप का आदेश तो सर आखों पर ही रहेगा ना ... और तो और देखिए देश का सबसे दर्दनाक मंज़र सरेआम बाज़ारों में उझाला जा रहा है..विपक्ष की तरफ से भई, उससे भी तो आपको ही फायदा है...और विपक्ष की भी चांदी...आखिरकार दिनभर आपको कटघरे में खड़े करने की बयानबाज़ी के बाद उसे भी तो आपके चमकीले शामियाने में थकान मिटानी होती है । ...जहां एक तरफ शाही राजनेताओं की थकान उतर रही है ठीक उसी तरह वॉरेन एंडरसन भी हमारी इज्जत उतार रहा था, और उसका साथ दे रहे थे नेता जी...याद आया जब वो डीम साहब की लाल बत्ती की गाड़ी में उनके साथ बैठे हवाई जहाज से पूरी सुरक्षा के बीच दिल्ली लाया गया और उसके बाद उसे शाही अंदाज़ से अमेरिका के लिए विदा किया गया...ठीक उसी तरह जिस तरह हम सबके घर में दामादों को इज्ज़त दी जाती है , बिल्कुल इसी तरह ...और एंडरसन की इतनी आवभगत हो भी क्यों ना..उसने नेताजी के टस्ट्र में बेइंतहा दौलत जो भर दी थी...मैं जानती हूं..आप सोच रहे होंगे की मैनें बेइंतहां क्यों बोला..उसने कोई blank cheque पर साइन थोड़े ही किए थे, वो इसलिए क्योकी जिस संख्या के पीछे लगे 000000 शून्यों को हम और आप आज की तारीख में ना तो जल्दी से कमा सकते हैं और ना ही अचानक मिलने पर गिन सकते हैं ज़हिर सी बात है उस वक्त इतनी बढ़ी 'रकम' माफ किजिएगा चंदा 'बेइंतहां दौलत' से कम नही थी । और बस उस चंदे के पीछ हज़ारों की चीख-पुकार , माथे पर चिंता की लकीरें....छीप जाए तो भला इसमें हमारे नेता की जा क्या कसूर..आखिरकार लेन देन के मामले में उनका दिल भी तो बच्चा है...और वैसे भी गलतियां किस से नहीं होतीं...कुछ लोग एक बार गलतियां करते हैं वो हम और आप कहते हैं, और कुछ लोग ज़िंदगी भर गलतियां करते हैं बगैर किसी मलाल के उन्हें नेता जी और एंडरसन कहते हैं ।

6 टिप्‍पणियां:

  1. वाह वाह वाह...क्या बात क्या बात क्या बात....
    उम्दा रचना...आपके विचार मुझे एक नई दिशा की ओर जाने के लिए प्रेरित करते है...आप सदेव ही ऐसी रचनाऐं लिखती रहे ताकि हम जैसे लोगों को सही मार्ग दर्शन मिलता रहे...
    आज से आप ही मेरी शक्ति और ताकत है...
    वर्तिका जैन
    दिल्ली

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  2. वाह दोस्त बिल्कुल सच कहा आपने...एंडरसन की सेवा तो दामादों से भी बढ़ चढ़ कर की हैं हमारी सरकार ने...शायद कोई अपना नहीं मरा होगा ना उनका...आम लोग ही तो थे...
    नवनीत कौर

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  3. बढ़िया आलेख, भ्रष्टाचार पर करारा आघात , उम्मीद के साथ की आपकी ये पोस्ट सामाजिक परिवर्तन की भागीदार बने.

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  4. कृपया word verification हटा ले , सुविधा रहेगी.

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  5. Have gone thorough your article and found it as a true picture , what have happened but who is responsible for it.....is that politician only? is that judiciary only ...or the indian media who just starts who and cry after any important verdict ..or we indians. serious retrospection needed .........why we dont understand the value of individual life. Nice article ..hope it will help us to retrospect about we as a INDIAN. ....Where we stand????

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  6. bahut achha hai... kah sakte hain ki ajki raajneeti par karaari chot daali hai aapne... lekin ye karaari chot hum aam insaano par bhi hai... kyonki hum ajki corrupt administration ke khilaaf jubaan kholne ki himmat nahi karte... Kya hum yaad rakh paate hain apni INDIA ke sharir par lage ghaavo ko... nahi... hum bhul jaate hain... aur yahi kaaran hain ki ye ghaav hume baar baar diye jaate hain... Medical Science ki language mein agar kisi bimaari ke against mein medicine ki theek thaak dose nahi di gayi ya medicine ka pura course nahi kiya gaya to bimaari baar baar sir uthati hai... theek yahi haal is desh mein faile corruption, atyachaar, anyaaya ka hai... ab baat karne ka waqt gaya... khade hoke desh ke liye kuchh karne ka waqt aa gaya.. bul jao apni caste ko, bhul jao, apne dharm ko.. sirf aur sirf yaad rakho ki tum BHARATIYA ho aur tumhe BHARAT ke liye ladna hai... Waise Ruchi ji ne ek achhi suruaat ki hai... GO AHEAD MADAM JI... Desh ki janta ke sawaalo ko aapko hi aage lana hai...

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