गुरुवार, 1 सितंबर 2011
जिंदगी का सार
दिल परेशान है, रात भारी है
ज़िंदगी है की फिर भी प्यारी है ।
ये मेरा नहीं किसी और का कहना है पर जिसने भी कहा है बिल्कुल सच कहा है ।
1 टिप्पणी:
Blockadda
19 दिसंबर 2012 को 7:45 pm बजे
बहुत ही प्यारी पंक्तियां हैं
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